Last Updated on January 7, 2024 by Wenivesh Team
Saraswati Puja 2024: सरस्वती पूजा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को Basant Panchami भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन से Vasant ऋतु का आगमन होता है। सरस्वती पूजा को ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा के रूप में मनाया जाता है।
2024 में सरस्वती पूजा कब है? (When Is Saraswati Puja 2024?)
Saraswati Puja 2024: 2024 में, सरस्वती पूजा बुधवार, 14 फरवरी को मनाई जाएगी। Basant Panchami तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
सरस्वती पूजा का महत्व
सरस्वती पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन Goddess Saraswati की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। मां सरस्वती को विद्या, ज्ञान, कला, संगीत और वाणी की देवी माना जाता है। इस दिन विद्यार्थी, कलाकार और संगीतकार मां सरस्वती की पूजा करते हैं और उनकी कृपा से ज्ञान, कला और संगीत में उन्नति की कामना करते हैं।
सरस्वती पूजा भारतीय सांस्कृतिक तथा धार्मिक परंपरा में एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पूजा मां सरस्वती, ज्ञान की देवी, की पूजा के रूप में की जाती है और इसे विभिन्न भागों में भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
यह पूजा विशेषकर शिक्षा और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की कृपा को प्राप्त करने के लिए की जाती है। बच्चे, विद्यार्थी और कला-संबंधित क्षेत्रों में लोग इस पूजा के दिन विशेष आसीर्वाद का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए समर्थन करते हैं।
यह पूजा बच्चों के शिक्षा के लिए एक शुभ मौका प्रदान करती है और उन्हें ज्ञान में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। इस दिन विद्यालयों और कॉलेजों में विशेष परामर्श कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे छात्रों को आत्म-निर्भर और सकारात्मक दिशा में बढ़ने का अवसर मिलता है।
सरस्वती पूजा का आयोजन भारतीय समाज में विद्या के महत्व को बढ़ावा देने का एक माध्यम भी है। इसके माध्यम से हम यह सिखते हैं कि ज्ञान का महत्व एवं उच्चतम शिक्षा को समर्पित रहना हमारे समाज के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
इस पूजा के दिन लोग विद्या, कला, साहित्य और विज्ञान में महान अद्यतित बनने के लिए मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रयासरत होते हैं। इस दिन कला और शिक्षा से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो लोगों को साहित्य, संगीत, और अन्य कलाओं के प्रति उत्साहित करते हैं।
सरस्वती पूजा भारतीय समाज में ज्ञान, शिक्षा, और कला के प्रति समर्पण का पर्व है जो लोगों को एक नए ऊचाईयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करता है। यह एक ऐसा समय है जब हम सभी अपने ज्ञान और कला को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर मिलते हैं और एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में काम करते हैं।
Saraswati Puja 2024 की पूजा विधि
Saraswati Puja 2024 का आयोजन बहुत सरल होता है और इसे समर्पित करने के लिए निम्नलिखित पूजा विधि का अनुसरण किया जा सकता है:
सरस्वती पूजा की सामग्री:
- माँ सरस्वती की मूर्ति या छवि
- पूजा के लिए थाली
- अच्छा सा वस्त्र
- कुमकुम, हल्दी, गंध और अद्भुत फूल
- बेल पत्र, दुर्वा, फल, नींबू, सुपारी, इलायची, कलश
- सरस्वती मंत्र और पूजा के लिए योग्य पुस्तक
सरस्वती पूजा की विधि:
- पूजा की शुरुआत:
पूजा की शुरुआत माता सरस्वती के मंत्रों के उच्चारण से करें।
- मूर्ति स्थापना:
माँ सरस्वती की मूर्ति या छवि को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
- पूजा थाली:
पूजा के लिए एक साफ थाली में मूर्ति के चारों ओर अद्भुत फूल, कुमकुम, हल्दी, और गंध रखें।
- पूजा की सामग्री:
पूजा की सामग्री को थाली पर सजाकर सरस्वती माँ को समर्पित करें।
- आरती:
माँ सरस्वती की आरती गाएं और उनकी मूर्ति के चारों ओर थाली को घुमाएं।
- पुष्पांजलि:
फूलों के हाथ में लेकर माँ सरस्वती को अर्पित करें और उन्हें पुष्पांजलि दें।
- प्रार्थना और व्रत कथा:
सरस्वती पूजा के दौरान माता सरस्वती से आपकी मनोकामनाएं मांगें और उनके व्रत कथा का पाठ करें।
- प्रशाद:
पूजा के बाद प्रशाद के रूप में मिठाई और फलों को चढ़ाएं और उन्हें बांटें।
- विसर्जन:
व्रत के बाद माँ सरस्वती की मूर्ति को विसर्जन के लिए तैयार करें, और उन्हें नदी या जल स्थान में विसर्जित करें।
इस प्रकार, सरस्वती पूजा की पूजा विधि का अनुसरण करके आप माँ सरस्वती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
सरस्वती पूजा की शुभ मुहूर्त (Saraswati Puja 2024 Date And Time)
Saraswati Puja 2024 का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में Devi Saraswati की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
सरस्वती पूजा की कुछ विशेष बातें
- सरस्वती पूजा के दिन पीले रंग का विशेष महत्व है। इस दिन सभी लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं।
- सरस्वती पूजा के दिन पूजा के स्थान पर वीणा, किताबें, कलम, आदि भी रखते हैं।
- सरस्वती पूजा के दिन विद्यार्थी व्रत रखते हैं और मां सरस्वती से ज्ञान और सफलता की कामना करते हैं।
सरस्वती पूजा के अवसर पर कुछ सुविचार
- “ज्ञान ही शक्ति है, ज्ञान ही शांति है, ज्ञान ही सत्य है।”
- “कला जीवन को सुंदर बनाती है, संगीत जीवन को आनंदमय बनाता है।”
- “ज्ञान से ही व्यक्ति का विकास होता है, ज्ञान से ही व्यक्ति का भविष्य उज्ज्वल होता है।”
Devi Saraswati Vandana In Sanskrit
सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला, या शुभ्र वसना,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा, या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्मा विष्णु शंकरप्रमुखा, सर्वेभ्य पूजिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥ १॥
सरस्वती स्तुति
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
कविता-गीत-कला-प्रदां वाग्देवीं कृपामयीम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥ २॥
सरस्वती प्रार्थना
सरस्वती नमस्ते बुद्धिदात्री। शब्दब्रह्म स्वरूपा वाणी।
विद्या धन धर्म की देवी। हे मां शारदे जय जय जय।
Devi Saraswati Vandana In Hindi
हे कुन्द के फूल, चंद्रमा और हिमालय के समान धवल हार धारण करने वाली, हे शुभ्र वस्त्र पहनने वाली, हे हाथ में वीणा की दंडी से सुशोभित होने वाली और हे श्वेत कमल पर विराजमान देवी! हे ब्रह्मा, विष्णु और शंकर आदि सभी देवताओं द्वारा पूजित होने वाली! हे भगवती सरस्वती! ऐसी निष्कलंक अज्ञानता को दूर करने वाली देवी मेरी रक्षा करें।
हे वीणा और पुस्तक धारण करने वाली, हे अभय प्रदान करने वाली और अज्ञान के अंधकार को हरने वाली! हे कविता, गीत और कला प्रदान करने वाली वाणी की देवी! हे कृपालु परमेश्वरी! हे बुद्धि देने वाली भगवती शारदा! मैं आपको नमन करता हूं।
हे सरस्वती! आपको नमस्कार! हे बुद्धि देने वाली! हे शब्दब्रह्म स्वरूपा वाणी! हे विद्या, धन और धर्म की देवी! हे मां शारदे! जय जय जय!
ये सरस्वती वंदना, स्तुति और प्रार्थना के कुछ उदाहरण हैं। आप अपनी पसंद के अनुसार इन्हें गा सकते हैं या जप सकते हैं।
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Saraswati Puja 2024 Or Basant Panchami 2024: सरस्वती पूजा एक शुभ और मंगलकारी त्योहार है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान, कला और संगीत में उन्नति होती है।
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